Wednesday 14 May 2014

शिवस्तुति

शिवा कान्त की बोलो जय,
करुणा कर सब कष्ट हरेंगे, कर देंगे तुमको निर्भय.....शिवाकांत.....।
महादेव देवाधिदेव, मेरे आराध्य तुम एक मेव,
मूलाधार प्रभु तुम मेरे मुझको आलम्बन सर्वदा त्वमेव।
प्रभु मेरे दुख दूर करेंगे नहीं कोई इसमें संशय..........शिवाकांत........।
हे विश्वनाथ हे कृपानिधान, हर चेहरे को दो मुस्कान,
रहें सर्वदा सुखीजन कोई ना हो दुख से हलकान।
शिवशंकर कल्याण करो तुम मृत्युभय दूर करो मृत्युजंय..शिवाकांत..।
आक धतूरा भोग में पाते, केवल जल से खुश हो जाते,
जलाभिषेक जो करते, शिव का अनायास वांछित पा जाते।
भर देते भण्डार भक्त का निर्धनता का कर देते हैं क्षय...शिवाकांत....।
जय नीलकण्ठम, विश्वनाथम्,
गंगेश्वरम, रामेश्वरम
जय प्रलयकरम , कपालेश्वरम,
कुमारेश्वरम, प्रतिेज्ञेश्वरम।
भक्तिभाव से कर वंदन, उमाकान्त की बोलो जय.......शिवाकांत.......।

जयन्ती प्रसाद शर्मा